. उसे सही स्थान पर क्रियान्वित कर सके। आप ज्ञानी हो सकते है परन्तु अगर सही समय पर ज्ञान का उपयोग न हो तो वह ज्ञान निरर्थक है। साथ ही हमे इसका भी ज्ञान होना चाहिये कि किस-किस क्षेत्र का ज्ञान-चेतना को अर्जित कर स्वयं का उद्धार करते हुये जीवन को श्रैष्ठमय बना सकते है।
अधिकतर लोगो की इच्छा किसी ओर क्षेत्र में होती है परन्तु इच्छा के विपरित मजबूरीवश कोई ओर रोजगार या काम करना पड़ता है। क्योंकि वे सही ज्ञान، मार्ग व दिशा व निर्देश प्राप्त नही करते है। . जबकि विश्लेषण अन्त में करते है। भाव चिन्तनमय उच्चता पूर्ण है परन्तु उसके लिये योग्यता व ज्ञान न्यून है अतः ऐसे ही जीवन के अनेक वर्ष बरबाद कर देते है और सामान्य स्वरूप में ही यापन करते रहते है।
. यह ज्ञान-चेतना तभी आ सकती है जब हम ध्यान करे ، मन को एकाग्र कर साध्य करे ، भगवान सदा शिव भी ، ध्यान कर मन व चित को एकाग्र चित करते है ، सद्गुरू देव ने भी ध्यान-साध्यता कर हमें कई कलिष्ट समस्याओ का समाधान व मार्ग प्रशस्त किया है वह तभी सम्भव होता है जब ध्यान साधना के भाव से कोई भी कार्म करते है तो ही की की होती है
इस सावन मास में हम सभी संकल्पबद्ध रूप से अवश्य ही नियमित स्वरूप में ध्यान साधना सम्पन्न् करेंगे। जिससे हमे यह ज्ञात अवश्य होगा हमारे लिये उपयुक्त है؟ हमे क्या करने से हम अपने जीवन को उच्चतम स्वरूप में भोग सके। لذلك ، لا يكون الاستخدام الصحيح للمعرفة ممكنًا إلا عندما يكون من الممكن تحقيقه بالطريقة الصحيحة ، أي فقط من خلال القيام بالأعمال الصالحة باستمرار ، فإن الحالة الجيدة لعائلة شيفا ستكون قادرة على الظهور.
ستنتهي كل شكوكنا بالحصول على الوعي المعرفي لـ Sadgurudev.
خاصة بك
فينيت شريمالي
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