प्रभु ने कुछ ऐसी व्यवस्था कर दी है कि हमें अपने पिछले जीवन का स्मरण नहीं रहता और ऐसा इसलिये किया गया है ، जिससे पिछले जीवन के मोह ، हिंसा ، वैर आदि हमें स्मरण नहीं रहे जिससे वर्तमान जीवन ज्यादा अशांत न हो। परन्तु हमारे पिछले जीवन के जो भी पाप ، दोष ، कुकर्म आदि हैं ، वह हमारे साथ वर्तमान जीवन में भी विद्यमान और उसी के परिणाम स्वरूप हमें जीवन में असफलता ، कार्य बाधा ، तनाव ، रोग ، कष्ट ، दरिद्रता आदि विषम स्थितियों का भार ढोना पड़ता है। जिससे हम निरन्तर कर्मशील नहीं रह पाते और यदि कर्मशील है भी तो हमें उनका कर्म अनुसार सुफल परिणाम नहीं मिल पाता। अतः अपने शापो की पूर्ण निवृति हेतु साधनात्मक स्वरूप में दैवीश शक्ति की आवश्यकता पड़ती है।
भगवान शिव को काल ही नहीं महाकाल कहा गया है। जो समय की शक्ति को प्रयोग में लाकर उस पर नियंत्रण रखते हुये नष्टकारी वस्तुओं को नष्ट करते हैं और आवश्यक को पुनः शक्ति के सहयोग से उत्पन्न भी करते हैं। वह मनुष्य को उसका जीवन चलाने का आधार प्रदान करते हैं क्योंकि शिव आदिदेव है ، जो मनुष्य का देहिक रोग ، शोक और ताप को मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से समाप्त करते हैं। भगवान शिव को काल पर विजय प्राप्ति में सहायक महाकाल कहा गया है। जो काल पर नियंत्रण कर हमारे पिछले जीवन के सभी पाप-दोष का समन करने में पूर्णरूपेण सक्षम है। भगवान शिव ही इस सृष्टि के संचालक है ، इन्हीं से मनुष्य का जीवन संचालित होता है।
अतः भगवान शिव की अभ्यर्थना-आराधना करने से हमारे जीवन की रोगमय कुस्थितियों का विनाश होता है। जिनकी अनुकम्पा से हमारे पूर्व जन्मों के शापों का ، पापों का विनाश कर हमारे जीवन का उद्धार करते हैं। . व्यक्ति निरन्तर कर्मशील रहते हुये अपने लक्ष्यों को सरलता से प्राप्त कर पाता है।
إلزامي للحصول عليها جورو ديكشا من الموقر Gurudev قبل أداء أي Sadhana أو أخذ أي Diksha أخرى. الرجاء التواصل كايلاش سيدهاشرام ، جودبور من خلال البريد إلكتروني: , واتساب, الهاتف: or إرسال طلب سحب للحصول على مواد Sadhana المكرسة والمفعمة بالقداسة والمقدسة والمزيد من التوجيه ،
شارك عبر: