यह रत्नराज कहलाता है، क्योंकि अन्य समस्त रत्नों में यह दुर्लभ और कीमती होता है। इसे समस्त देवतागण धारण करते हैं ، भाग्यवान देशो में ही इसकी खान होती है ، विरले पुरूष-स्त्री ही इसे धारण कर पाते हैं। यह रत्न सौन्दर्य ، आकर्षण ، सम्मोहन ، वशीकरण आदि विशेषताओं से आपूरित है ، इसे धारण करने वाला मधुर ، कोमल व्यक्तित्व का होता है।
हीरा में वशीकरण करने की अपूर्व क्षमता होती है ، इसे धारण करने वाले व्यक्ति में आकर्षण ، तेज विकसित होता है। इसके द्वारा शत्रु वशीभूत होते हैं। यह भूत-प्रेत ، भय निवारक रत्न है ، जादू-टोना आदि का प्रभाव नहीं होता है। बुद्धि، सम्मान، बल، शरीर पुष्टता، वंश-वृद्धि، धन-धान्य एवं सभी तरह के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
तुला और वृष राशि के व्यक्तियों को यह रत्न धारण करना चाहिये، जिनमें पौरूष शक्ति की न्यूनता हो उन्हें शीघ्र ही हीरा धारण करना चाहिये। पति-पत्नी में सामंजस्यता हेतु हीरा श्रेयष्कर है। कार्य सिद्धि व सफलता हेतु यह रत्न धारण करें ، जो मार्केटिंग कार्यश्रेत्र में हो या अधिक लोग से मिलना पड़ता हो ، उनके लिये हीरा सर्वश्रेष्ठ है।
मंत्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठित हीरा रत्न न्यौछावर राशि 5100 / -
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