. पुण्य कार्यों में उसकी विशेष रूचि रहती है ، यह प्रेमी युगल के लिये सर्वलाभकारी है ، इससे गृहस्थ जीवन में प्रेम व माधुर्य की प्राप्ति होती है। संतान सुख، पुत्र प्राप्ति में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसलिये यह सभी रत्नों में पवित्र माना जाता है।
इसके द्वारा कन्या विवाह में आ रही बाधाओं को निवारण होता है। इससे पाप-विचारों व कृत्यों का शमन होता है ، आध्यात्मिक विचार प्रबल होते हैं और चित्त शांत तनाव मुक्त बना रहता है ، यह एक متعدد الأغراض रत्न है ، जो धन ، विद्या ، सन्तान ، विवाह व सर्व सुख प्रदाता है। मिथुन लग्न एवं कन्या लग्न वालों का सप्तमेश होने के कारण، इसे धारण करने पर उनका विवाह शीघ्र योग्य एवं मनोवांछित होता है। वैवाहिक बाधा निवारण में इस रत्न से महा सहयोग प्राप्त होता है। यह रत्न धन प्रदायक व सफल، श्रेष्ठ व्यक्तित्व का निर्माण करता है।
धनु और मीन राशि के व्यक्तियों को यह रत्न धारण करना चाहिये، जो शीघ्र सफलता प्रदायक व दीर्घायु जीवन का कारक है। मेष व कर्क लग्न वालों के लिये यह भाग्य के द्वार खोलता है، 3، 12، 21، 30 तारीख को जन्में लोग व 3 मूलांक के लिये पुखराज अति लाभकारी है ، जो व्यक्ति गुरू द्वारा संचालित हो ، अथवा गुरू से दीक्षित हो या जिसकी कुण्डली में गुरू प्रधान हो उनके लिये पुखराज धारण करना आवश्यक है। किसी भी ग्रह में बृहस्पति का अन्तर चल रहा हो तो ، पुखराज धारण करें।
मंत्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठित पुखराज रत्न न्यौछावर राशि 5100 / -
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