अतः आवश्यक है कि उक्त सभी चिन्ताओं، अवसादों व न्यूनताओं का निवारण त्रिमूर्ति स्वरूप साधक-सद्गुरूदेव-दैवीय शक्तियों के शुभार्शीवाद को नूतन वर्ष के प्रथम दिवस पर आत्मसात् कर वर्ष 2021 को पूर्णता से सुमंगलमय बना सके। जिससे पिछले वर्ष में अनेक स्वरूपों में जो भी कष्ट-पीड़ायें، धन हीनता، रोग-कष्ट، जीवन असुरक्षा की स्थितियां पुनः अंश रूप में भी हमारे जीवन में लौटकर नहीं आये इस हेतु सद्गुरू शक्ति के साथ-साथ कर्म शक्ति को भी जाग्रत करते हुये ، पुनः पुनः हर स्वरूप में युवा बन सके। कहा जाता है कि भक्ति और कर्म का सामंजस्य होने पर ही जीवन में उच्चताओं की प्राप्ति हो पाती है। उक्त दोनों ही स्थितियों में एक का अभाव होने पर जीवन किसी भी रूप में श्रेष्ठ नहीं बन पाता।
जीवन में बीते साल में जो भी अभाव व असफ़लतायें प्राप्त हुई उसे लेकर हमें दुःखी नहीं होना चाहिये। जो बीत गया उसके बारे में सोचने की अपेक्षा आने वाले अवसरों का स्वागत करें और जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करें। नया साल एक शुरूआत को दर्शाता है और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देता है। उससे सीख लेकर، नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़े। नये साल का स्वागत बड़े उत्साह और खुशी से करे।
साल नया है، इसलिये नई उम्मीदें، नये सपने، नये लक्ष्य، नये विचार के साथ इसका स्वागत किया जाता है। अतः नूतन वर्ष के प्रथम दिवस से ही वर्ष भर तक निरन्तर उत्साह और खुशियों का विस्तार होता रहें।
हेतु नवीन स्वरूप में पूजा स्थल जीवन्त जाग्रत चैतन्य करने की क्रिया करें अतः वर्ष 2020 में जो भी साधना प्राप्त की है ، उसे पूर्ण आत्मीय भाव से किसी भी मन्दिर में ईश्वर श्री चरणों में पूर्व में ही अर्पित कर नूतन वर्ष की संध्या पर पूजा स्थान को शुद्ध पवित्रमय कर दें। इस हेतु 25 दिसम्बर शुक्रवार को भी सांय 08:00 مساءً सद्गुरूदेव जी مباشر रूप में मार्गदर्शन देंगे।
नूतन वर्ष के प्रथम दिवस की प्रातः बेला में चैतन्य सद्गुरू चरण पादुका، विष्णु शक्ति शालीग्राम، सहस्त्र लक्ष्मी पारद कच्छप नवदुर्गा शक्ति लॉकेट व धनलक्ष्मी आवाहन हेतु प्राण प्रतिष्ठा युक्त दस महाविद्या माला नववर्ष के प्रथम दिवस से ही अभिभावक स्वरूप में सद्गुरू सानिध्य में पूजा साधना कर दीक्षा आत्मसात् करने से आपके परिवार में पूरे जीवन भर तक महामृत्युंजय शिवत्व शक्ति दीर्घायुता ، अखण्ड सुहाग सौभाग्य ، धन लक्ष्मी ، सन्तान सुख ، यश ، सम्मान ، एैश्वर्य युक्त जीवन की प्राप्ति हो सकेंगी।
سادهانا فيدان
नूतन वर्ष के प्रथम दिवस से ही सद्गुरूमय दैवीय शक्तियों का आवाहन कर गृहस्थ जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने की व्यवस्था करें। इस हेतु सद्गुरू सानिध्य में साधना पूजा दीक्षा आत्मसात् करने से यह नूतन वर्ष भौतिक ، सांसारिक ، गृहस्थ सुखों से परिपूर्ण हो सकेगा।
مواد العبادة: - अबीर ، गुलाल ، मौली ، कुंकुम ، अक्षत ، पुष्प ، पुष्प माला ، प्रसाद ، सुपारी ، गंगाजल ، तथा विशिष्ट साधना सामग्री- सद्गुरू चरण पादुका ، विष्णु शक्ति शालीग्राम ، सहस्त्र लक्ष्मी पारद कच्छप ، सर्वशत्रु संहारक नवदुर्गा शक्ति लॉकेट ، दस महाविद्या माला।
طريقة العبادة: - -
ऊँ अपवित्रः पवित्रे वा सर्वावस्थां गतोपि वा यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्यभ्यन्तरः शुचिः ।।
आचमन: - يجب على جميع أفراد الأسرة أخذ الماء من Achamni ثلاث مرات في يدهم اليمنى أثناء تلاوة المانترا التالية.
ام كيشافايا نعمة ام مضافايا نعمة ام نارايانا نعمة اغسل يديك.
संकल्प: - خذ الماء في يدك اليمنى وتمنى تحقيق رغبات والديك وجميع أفراد الأسرة.
فيشنو ، فيشنو ، فيشنو ، الرب المبارك اليوم ، يتصرف الرجل العظيم بأمر Vishnu
سيد بالنسبة للبراهمين ، في النصف الثاني من كالي يوجا ، كالي هي الأولى عند سفح Jambudeep ، في منطقة Bharat ، في منطقة Aryavarta
يوم الجمعة ، اليوم الثالث من شهر باوشا ، في أسبوعين المظلمين ، في كوكبة بوشيا في اليوم الأول من العام الجديد ، نيخيل غوتريتبان مام سارفا
मनकामना ، धनकामना ، सौभाग्य प्राप्ति कार्य व्यापार वृद्धये वंशवृद्धये ، भू-भवन लक्ष्मयै
لتحقيق الشهرة والاحترام والعمر المديد.
للتعبير عن المشاعر أعلاه ، اترك الماء على الأرض.
नूतन वर्ष में हर तरह की समृद्धि، रिद्धि-सिद्धि، शुभ लाभ प्राप्ति हेतु -
استدعاء اللورد جاناباتي وسادغورو.
गणपति पूजनः-'ऊँ गणेशाय नमः 'का उच्चारण करते हुये घी का दीपक प्रज्जवलित कर गणपति व सद्गुरू के चित्र को तिलक कर अक्षत ، पुष्प व प्रसाद अर्पित कर हाथ जोड़कर प्रार्थना करें-
गजाननं भूत गणधिसेवितं ، कपित्थजम्बू
حزن على ابن أوما لتحقيق ثمار جيدة من خلال قوة Sadguru
أنحني للمدمرة يا سادغوروديفا
صلي إلى المعلم: جورو براهما ، جورو فيشنو ، جورو ديفو ، ماهيشواراه
गुरू साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ।।
वस्त्रं ، चंदनं ، पुष्पं ، धूपं ، दीपं ، नैवेद्यं
निवेदयामि दक्षिणा द्रव्यं समर्पयामि नमः ।।
من خلال عرض Kumkum Akshat على Guru Charan Paduka-
त्वमेव माता च पिता त्वमेव، त्वमेव बन्धुश्च सखा।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव، त्वमेव सर्वं मम देव देव ।।
عبر عن رغبتك مرة أخرى.
عرض خشب الصندل والريحان على شكل فيشنولاكشمي من شاليجرام-
।। Ambe Shambhavi Vishnu Shaktiye Chandramaulishwara Uma Parvati Savitri
شباب शालीग्राम साम्राज्य लक्ष्मीप्रदा नमः ।।
सहस्त्र लक्ष्मी पारद कच्छप पूजन हेतु मंत्र उच्चारण के साथ निरन्तर धन प्रदाता कच्छप के सभी चरणों व लक्ष्मी आबद्ध पुष्टता कुंकुंम तिलक के साथ अक्षत-पुष्प अर्पित करें-
।। श्रीश्चते लक्ष्मीश्च पत्न्यावहोरात्रे पार्श्वे नक्षत्रणि रूप मश्विनौ व्यात्तम
Iṣṇammiṣāṇa mummiṣāa sarvalokammiṣāṇa
बायें हाथ में सर्व शत्रु संहारक लॉकेट रखकर परिवार के सभी सदस्यों को तिलक कर हाथ में मौली बांधे व लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करें -
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये राज राजेश्वरी श्रीं हीं श्रीं ऊँ सहस्त्र महालक्ष्मयै आगच्छ नमः ।।
قم بترديد المانترا التالية 7 مرات وارتدِ المدلاة حول رقبتك.
।। دمر كل أعدائي الجسدي والإلهي والتماسي ، فات صفاها.
ولتلبية رغبات جميع أفراد الأسرة ، رددوا كل سبحة بعشر مسابح ماهافيديا.
।। ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये चिंताये दूरये-दूरये नारायण लक्ष्मयैः प्राप्यर्थे नमः ।।
احتفظ بالبراساد وصحن طعام الخير بروح نقي في مكان العبادة ، وأخرج منه بعض الطعام واحتفظ به منفصلاً. اترك الماء بعد عمل ثلاث باريكراما من الطعام بالماء في اليد اليمنى. يوم الجمعة Shakti Parv ، يصلي الجميع من أجل تحقيق رغباتهم ويؤدي دورغا آرتي وجورو آرتي وساماربان ستوتي بفرح.
क्षमा प्रार्थना: -आवाहनं न जानामि न जानामि तवार्चनम्
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर ।।
أنا أرتكب آلاف الجرائم كل يوم.
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरीम ।।
يجلس جميع أفراد المنزل معًا ويتناولون الطعام بعد خلط البراساد. احتفظ بالمواد الجديدة فقط في مكان العبادة.
साथ ही सभी सदस्य लक्ष्मी के अनेक स्वरूपों की प्राप्ति हेतु सरस्वती ज्ञानबुद्धि लक्ष्मी ، सौभाग्य लक्ष्मी ، आयु लक्ष्मी ، कार्य व्यापार लक्ष्मी ، वंशवृद्धि लक्ष्मी दीक्षा अवश्य ही आत्मसात् करें। जिससे पूरे वर्ष भर तक सभी दीक्षार्थी की सद्कामना में निरन्तर वृद्धि होती रहें।
पूजन समाप्ति के बाद जितना सम्भव हो सके ، अजपा स्वरूप में गुरू मंत्र अविरल रूप से करते रहें। आपके अनुकूल अमृतकाल समय में सद्गुरूदेव जी द्वारा फोटो से दीक्षा प्राप्त होगी। जिससे यह नूतन वर्ष पूरे परिवार के लिये आनन्दमय योग भोग सांसारिक गृहस्थ सुखों से निरन्तर क्रियान्वित होता रहेगा।
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