गोमेद गारनेट समूह का रत्न है जिसे अंग्रेजी में हैसोनाइट कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे राहू का रत्न माना जाता है। यह एक प्रभावशाली रत्न है जो राहू के दोषों को दूर करता है। शुद्ध गोमेद चमकदार، चिकना होता है। पीलापन लिये हुये यह रत्न उल्लू की आंख के समान दिखायी देता है। यह सफेद रंग का भी होता है जो इतना चमकता है कि दूर से देखने पर ये हीरे जैसा दिखता है।
गोमेद के विविध नाम है- गोमेद ، गोमेदक ، तपोमणि ، पिग ، स्फटिक ، जटकूनिया ، जिरकान आदि। कुंडली में यदि राहू केंद्र में विराजमान हो अर्थात 1، 4,7،10، XNUMX भाव में हो तो गोमेद अवश्य धारण करना चाहिये। अगर राहू ، तीसरे ، नौवे या ग्यारवें भाव में हो तो भी गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक होता है।
राहू अगर अपनी राशि से छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद पहनना हितकर होता है। जिन व्यक्तियों की राशि अथवा लग्न वृष ، मिथुन ، कन्या ، तुला या कुम्भ हो उन्हें गोमेद अवश्य धारण करना चाहिये।
وفقًا للنصوص المقدسة ، يحصل الأشخاص الذين حققوا نجاحًا في السياسة على فوائد خاصة من ارتداء الجزع.
يمكن ارتداء العقيق اليماني في أي يوم سبت. يجب ارتداء العقيق اليماني في خاتم فضي أو مدلاة. يوم السبت ، بعد عبادة Shodshopachar عن طريق إدخاله في Ashtadhatu أو الخاتم الفضي.
51 बार जाप करके मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिये।
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